Sunday, August 21, 2011

अक्स..!!

ना जाने क्या ढूंढता हूँ,
इन अनगिनत तस्वीरों में...
हर पल बदलती तकदीरों में...
कुछ अधखुली उलझी जंजीरों में,,,

जीने की वजह, चाहत...
या फिर यूँ ही हर पल गुजरती,
इस जिंदगी का अक्स..!!

Tuesday, May 24, 2011

मुफलिसी..!!

है आलम मुफलिसी का आजकल
की फुरकत को ही मिलती है इज्जत,
है न तो इमां और न है जमीर
औ खुदी को, खुदा भी हैं कहते बेगैरत |

जर्रे से जन्में, है मंजिल भी जर्रा
इन्सां औ इंसानियत, की न करते हैं परवा,
है पहुंचे सितारे भी गर्दिश मैं उनके
कभी जो कहलाये थे सर्वे सर्वा |

Saturday, February 26, 2011

यादें ..!!

मैं बैठा हूँ यहाँ अपनी यादों के पैमानों के साथ,
जिंदगी भरती रही जिनको बदलते मैखानों के साथ |

आते जाते मिलते रहे लोग,
और मैं करता रहा दोस्ती अनजानों के साथ |

यादों का क्या है, वो तो यूं ही बिसरती रहीं,
हर पल गुजरते हुए जमानों के साथ |