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मेरी कवितायेँ ...
Saturday, February 26, 2011
यादें ..!!
मैं बैठा हूँ यहाँ अपनी यादों के पैमानों के साथ,
जिंदगी भरती रही जिनको बदलते मैखानों के साथ |
आते जाते मिलते रहे लोग,
और मैं करता रहा दोस्ती अनजानों के साथ |
यादों का क्या है, वो तो यूं ही बिसरती रहीं,
हर पल गुजरते हुए जमानों के साथ |
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