ख़ुशी सदा से ही है गम के करीब,
सिर्फ ख़ुशी से हो रूबरू तो है वाज़िब लगना अजीब |
मिला गम जो अगर, तो समझो है वो इंसा खुशनसीब,
भले ही ना रखे हिसाब, वो जो है तेरा रकीब |
बस लगाता जा तू जीने की हर वो तरकीब,
क्योंकि तू ही है मालिक उसका, जिसे कहते हैं नज़ीब |
सिर्फ ख़ुशी से हो रूबरू तो है वाज़िब लगना अजीब |
मिला गम जो अगर, तो समझो है वो इंसा खुशनसीब,
भले ही ना रखे हिसाब, वो जो है तेरा रकीब |
बस लगाता जा तू जीने की हर वो तरकीब,
क्योंकि तू ही है मालिक उसका, जिसे कहते हैं नज़ीब |
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