वो लगते हैं जरा शोरीदा, की मैं बोसीदा सा दिखता हूँ आज कल,
उनको गुमान हैं अपने इख्तियार पे, जो मेरे सबात पर सवाल उठाते हैं,
वो भी एक अहद था जब फैज़ था उनकी इमदाद में, पर उस फुरकत ने हमें भी अघ्यार कर दिया,
उनको यकीन है मेरे कातिल होने का, पर.. सुन लो ये, की जान अभी बाक़ी है...तेरे आने तक। ..!!
उनको गुमान हैं अपने इख्तियार पे, जो मेरे सबात पर सवाल उठाते हैं,
वो भी एक अहद था जब फैज़ था उनकी इमदाद में, पर उस फुरकत ने हमें भी अघ्यार कर दिया,
उनको यकीन है मेरे कातिल होने का, पर.. सुन लो ये, की जान अभी बाक़ी है...तेरे आने तक। ..!!