मेरी रूह तो स्वाद तेरी सोहबत का लेती है,
तू समझती है के मैं पीता हूँ चाय चुस्कियां ले कर..!!
Friday, April 23, 2021
चुस्कियां..!!
Thursday, April 22, 2021
गरम सांसें..!!
मेरी आँखों की नींद उड़ा देती है तेरी साँसों की तपिश,
जैसे प्यासे रेगिस्तान में उड़ जाती है बारिश की एक बूँद भाप बन कर ..!!
Thursday, April 15, 2021
दायरा ..!!
बिखरा हुआ था बरसों से, आज जा कर सिमटा हूँ मैं तेरे दामन मैं,
वो जो तेरी बिखरी जुल्फें थी, वही तो मेरा दायरा बन गयीं..!!
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