जब चुराना चाहो ख़ुशी से दो लम्हे, लगता है की ज़िन्दगी साथ नहीं देगी
जब चुराना चाहो मुस्कराहट के दो लम्हे, लगता है की कायनात साथ नहीं देगी
बिना गलती के मिली हुई सजा, मौत से भी बदतर महसूस होती है
तू ही बता दे मौला, क्या अब तेरी बन्दगी भी साथ नहीं देगी ?