मेरी कवितायेँ ...
तू वहाँ, मैं यहाँ.. ये है हमारा जहाँ,पर मैं डूबा रहा तुझ में, मुझे दुनिया की थी फ़िकर कहाँ..!!
मैं जब आँख खोलूं तू मेरे सामने हो,बस इतना ही बहुत है मेरी सुकून ऐ रूह के लिए..जिस दिन बंद हो ये आंखे,तेरा दामन ही सम्हाले फिर इस जिस्म को..!!