Sunday, September 27, 2020

सच क्या है ?

जो दिखता है वह सच है,
या जो बिकता है वह सच है ?

जो तेरा है वह सच है,
या जो मेरा है वह सच है ?

जो अंदर है वह सच है,
या जो बाहर है वह सच है ?

या फिर जो दिखने, बिकने, अंदर, बाहर, तेरे और मेरे से परे है,
वही एक सच है, बस वही एक सच है..!!

आँचल..!!

रास्ते के कंकड़ और मेरी थकान,
रोज़ की गहमागहमी और दूर कहीं मकाम,
ज़िन्दगी की जद्दोजेहद से पार के,
पैरों के छालों की टीस से हार के,
ना बदली की छाया और ना छॉव बाग बहार के,

तेरे पास आया हूँ माँ, भर ले अपने आँचल में....ममता भरे प्यार से..!!

Sunday, September 13, 2020

बचपन का आंगन..!!

वो छत और वो आसमान खुला, वो दिन रात बहती ठंडी हवा,
वो सतपुड़ा का घना जंगल, उस जंगल में प्रकृति का दंगल,
वो बगीचे का अमरुद, जामुन और बेल का फल,
वहां गुजारा हुआ बचपन और उससे जुड़े हुए सारे पल,
आज बैठे हुए याद करता हूँ वो सब, आज कल हर पल |