Sunday, September 13, 2020

बचपन का आंगन..!!

वो छत और वो आसमान खुला, वो दिन रात बहती ठंडी हवा,
वो सतपुड़ा का घना जंगल, उस जंगल में प्रकृति का दंगल,
वो बगीचे का अमरुद, जामुन और बेल का फल,
वहां गुजारा हुआ बचपन और उससे जुड़े हुए सारे पल,
आज बैठे हुए याद करता हूँ वो सब, आज कल हर पल |  

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