Sunday, September 27, 2020

आँचल..!!

रास्ते के कंकड़ और मेरी थकान,
रोज़ की गहमागहमी और दूर कहीं मकाम,
ज़िन्दगी की जद्दोजेहद से पार के,
पैरों के छालों की टीस से हार के,
ना बदली की छाया और ना छॉव बाग बहार के,

तेरे पास आया हूँ माँ, भर ले अपने आँचल में....ममता भरे प्यार से..!!

No comments:

Post a Comment