मेरी कवितायेँ ...
जो दिखता है वह सच है,या जो बिकता है वह सच है ?जो तेरा है वह सच है,या जो मेरा है वह सच है ?जो अंदर है वह सच है,या जो बाहर है वह सच है ?या फिर जो दिखने, बिकने, अंदर, बाहर, तेरे और मेरे से परे है,वही एक सच है, बस वही एक सच है..!!
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