अक्सर मेरे विचारों मे इक अनजान साया,
दूर कहीं से बेधड़क चला आता था,
और मेरे मनं की उजली चादर में कई सलवटें बना जाता था |
बहुत ढूँढा उसको मैंने,
की कहाँ से आता था और अचानक,
कहाँ को चला जाता था |
पर बहुत अरसे तक कभी भी उसका,
ना तो मुझे कोई पता मिला और,
ना ही उसका कोई ठिकाना समझ आता था |
फिर एक दिन यों ही खुद में झाँक कर देखा मैंने,
तो पता चला की वो तो मेरा ही अक्स था,
जो मेरे विचारों में आता जाता था |
जो दिन के उजाले में और रातों के अँधेरे में,
मुझे मेरी अच्छाई और बुराई से अवगत कराता था,
जो मुझ से निकल के मुझ में ही समां जाता था|
उस दिन से आज तक,
मैंने अपने मन के दरवाजे खोल रखे हैं,
वो साया अब अक्सर आता है और मुझे,
मुझ से मिला कर फिर चला जाता है |
प्रिय मित्र ,
ReplyDeleteपरमपिता , परमेश्वर , जगत्स्वामी , जगेश , सर्त्रव्यापी इश्वर आप सभी को सपरिवार सकुशल ,सुरक्षित एवं आयुष्मान रखे . आप सबकी समस्त आशाओं को ,अभिलाषाओं को एवम स्वपनों को साकार करे.
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
कुछ फूल, कुछ सितारे और एक चाँद
थोड़ी सी चाँदनी , नर्म धूप की महक
धनवर्षा, दहलीज़ पे किस्मत की दस्तक
मुंडेर पर चुग्गा चुगती चिड़ियों की चहक
घर में चहकते बच्चे , बतियाते माँ बाप
चिरागों के बजाये जलते हुए आफ़ताब
हर चीज़ में बरक्कत , हर शै में इजाफा
हर मुश्किल तलाशती खुद अपना ही जवाब
नई सुबह जब आसमान से एक नया सूरज
धकेल पाँव से निकले जब अँधेरे की चादर
नए साल की पहली सुनहरी किरन "दीपक"
मुबारक़ बन के आगोश में ले ले तुम्हें आकर
नया साल मुबारक़
नया साल मुबारक़
नया साल मुबारक़
aap sab ko navvarsh 2010 ki haardik mangalmay shubhkaamnaaye.
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इस नए वर्ष में नए ब्लॉग के साथ आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें
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